Jahan se sahre madina dikhai deta hai vahin se aapka jalva dikhai deta hai best naat sharif 2019
जहां से शहरे मदीना दिखाई देता है ।
वहीं से आपका जलवा दिखाई देता है।
ये मेरे इश्क की मेराज तो कोई पूछे ।
यहीं से हमको मदीना दिखाई देता है
तेरी कहीं कोई तस्वीर तो नहीं लेकिन ।
कुरान में तेरा चेहरा दिखाई देता है।
जो टाट पहना था सिद्दीकी ने वह पहने हुए ।
हर एक रब का फरिश्ता दिखाई देता है।
उमर है मस्जिद-ए-नबवी में खुतबा देते मगर ।
वही से जंग का नक्शा दिखाई देता है।
जहां से शहरे मदीना दिखाई देता है ।
वहीं से आपका जलवा दिखाई देता है।
वहीं से आपका जलवा दिखाई देता है।
ये मेरे इश्क की मेराज तो कोई पूछे ।
यहीं से हमको मदीना दिखाई देता है
तेरी कहीं कोई तस्वीर तो नहीं लेकिन ।
कुरान में तेरा चेहरा दिखाई देता है।
जो टाट पहना था सिद्दीकी ने वह पहने हुए ।
हर एक रब का फरिश्ता दिखाई देता है।
उमर है मस्जिद-ए-नबवी में खुतबा देते मगर ।
वही से जंग का नक्शा दिखाई देता है।
जहां से शहरे मदीना दिखाई देता है ।
वहीं से आपका जलवा दिखाई देता है।
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