Naat - E - Paak In Hindi Lyrics Shahre -shahron me Nahi Koi Madeene Jaisa
शहरे - शहरों में नही कोई मदीने जैसा
शहरे - शहरों में नही कोई मदीने जैसा !
अमन में नूह -नबी के है सफीने जैसा !!
सारे नबियों के अंगूठी को जो हल्का समझे !
इस में है नामे - मुहम्मद का नगीने जैसा !!
जो चमक उनकी जबीं में हैं कहां चांद में है ! अतर लाओ तो कोई उनके पसीने जैसा !!
इसलिए भेजता रहता मैं आका पे दरूद !
लुत्फ आता है मुझे शहद के पीने जैसा !!
शहरे - शहरों में नही कोई मदीने जैसा !
अमन में नूह -नबी के है सफीने जैसा !!
आमिना का रहता है लाडला मदीने में !
इसलिए नही आता जलजला मदीने में !!
जिन्दगी को मिलता है वलवला मदीने में !
रहमतों का रहता है सिलसिला मदीने में !!
शहरे - शहरों में नही कोई मदीने जैसा !
अमन में नूह -नबी के है सफीने जैसा !!
सारे नबियों के अंगूठी को जो हल्का समझे !
इस में है नामे - मुहम्मद का नगीने जैसा !!
जो चमक उनकी जबीं में हैं कहां चांद में है ! अतर लाओ तो कोई उनके पसीने जैसा !!
इसलिए भेजता रहता मैं आका पे दरूद !
लुत्फ आता है मुझे शहद के पीने जैसा !!
शहरे - शहरों में नही कोई मदीने जैसा !
अमन में नूह -नबी के है सफीने जैसा !!
आमिना का रहता है लाडला मदीने में !
इसलिए नही आता जलजला मदीने में !!
जिन्दगी को मिलता है वलवला मदीने में !
रहमतों का रहता है सिलसिला मदीने में !!
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