तारीफ उस खुदा की जिसने जहां बनाया । कैसी जमीं बनाई क्या आसमां बनाया ।very Beautiful Hamd Bari tala in Hindi lyrics.
तारीफ उस खुदा की जिसने जहां बनाया ।
कैसी जमीं बनाई क्या आसमां बनाया ।
तारीफ उस खुदा की जिसने जहां बनाया ।
कैसी जमीं बनाई क्या आसमां बनाया ।
पांवे तले बिछाया क्या खूब फर्श खाकी ।
और सर पे लाज वर्दी एक साइबाँ बनाया ।
मिट्टी से बेल बूटे क्या खुशनुमा उगाए ।
पहना के सब्ज -ए खिलअत उनको जवां बनाया ।
खुशरंग खुशबू गुल फूल है खिलाए ।
इस खाक के खंडर को क्या गुलिस्तां बनाया ।
मेवे लगाए क्या -क्या खुश जाइका रसीले ।
चखने से जिनके मुझको सीरी दहां बनाया ।
सूरज बना के तूने रौनक जहां को बख्शी ।
रहने को ये हमारे अच्छा मकां बनाया ।
प्यासी जमी के मुंह में मेंह का चूवाया पानी ।
और बादलों को तूने मेंह का निसां बनाया ।
तारीफ उस खुदा की जिसने जहां बनाया ।
कैसी जमीं बनाई क्या आसमां बनाया ।
ये प्यारी -प्यारी चिड़िया फिरती है जो चहकती ।
कुदरत ने तेरे इनको तस्वीह खुवां बनाया ।
तिनके उठा -उठा कर लाई कहां-कहां से ।
किस खूबसूरती से फिर आशियां बनाया।
ऊंची उड़े हवा में बच्चों को पर ना भूले ।
इन बे - परों का उनको रोजी रसां बनाया
आवे रवा के अंदर मछली बनाई तूने ।
मछली के तैरने को आवे रवां बनाया ।
हर चीज से है तेरी कारीगिरी टपकती ।
ये कारखाना तूने कब राईगा बनाया ।
तारीफ उस खुदा की जिसने जहां बनाया ।
कैसी जमीं बनाई क्या आसमां बनाया ।
कैसी जमीं बनाई क्या आसमां बनाया ।
very Beautiful Hamd Bari tala in Hindi lyrics.
तारीफ उस खुदा की जिसने जहां बनाया ।
कैसी जमीं बनाई क्या आसमां बनाया ।
पांवे तले बिछाया क्या खूब फर्श खाकी ।
और सर पे लाज वर्दी एक साइबाँ बनाया ।
मिट्टी से बेल बूटे क्या खुशनुमा उगाए ।
पहना के सब्ज -ए खिलअत उनको जवां बनाया ।
खुशरंग खुशबू गुल फूल है खिलाए ।
इस खाक के खंडर को क्या गुलिस्तां बनाया ।
मेवे लगाए क्या -क्या खुश जाइका रसीले ।
चखने से जिनके मुझको सीरी दहां बनाया ।
सूरज बना के तूने रौनक जहां को बख्शी ।
रहने को ये हमारे अच्छा मकां बनाया ।
प्यासी जमी के मुंह में मेंह का चूवाया पानी ।
और बादलों को तूने मेंह का निसां बनाया ।
तारीफ उस खुदा की जिसने जहां बनाया ।
कैसी जमीं बनाई क्या आसमां बनाया ।
ये प्यारी -प्यारी चिड़िया फिरती है जो चहकती ।
कुदरत ने तेरे इनको तस्वीह खुवां बनाया ।
तिनके उठा -उठा कर लाई कहां-कहां से ।
किस खूबसूरती से फिर आशियां बनाया।
ऊंची उड़े हवा में बच्चों को पर ना भूले ।
इन बे - परों का उनको रोजी रसां बनाया
आवे रवा के अंदर मछली बनाई तूने ।
मछली के तैरने को आवे रवां बनाया ।
हर चीज से है तेरी कारीगिरी टपकती ।
ये कारखाना तूने कब राईगा बनाया ।
तारीफ उस खुदा की जिसने जहां बनाया ।
कैसी जमीं बनाई क्या आसमां बनाया ।
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